भारत का रुपया गिरा छपर फाड़ कर , डॉलर 90 के पार: आपके उपर पर क्या असर होग ?

 आज शुक्रवार 5 दिसम्बर 2025 को भारत में रुपये की तेज गिरावट ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 90 के पार पहुंच गया है जो अब तक का सबसे कम स्तर है। इस साल अब तक रुपये में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह एशिया की सबसे कमजोर मुद्राओं में गिना जा रहा है।

रुपया गिरा पहुंचा 90 पर 

आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इसका आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा और आने वाले दिनों में क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

रुपया 90 पार :- आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा

1. महंगाई तेज़ होगी — रोज़मरा  की चीज़ें महंगी

दुनिया भर  से जो भी सामान भारत खरीदता है—जैसे तेल, दवाइयाँ, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स—सबकी कीमत डॉलर में तय होती है। और जब  डॉलर महंगा  हो रहा है टिन सभि समानो की कीमतों मे भि असर पड़ेगा और यह सब भी महंगा होग ।

  • पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं

  • खाना-पीना और किराने का सामान महंगा पड़ेगा

  • ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ेगा, जिसका असर हर प्रोडक्ट पर पड़ेगा


2. विदेश जाना होग महंगा 

अगर आप विदेश जाने की सोच रहे हैं, तो बजट बिगड़ने वाला है। क्यूंकि विदेश यात्रा मे आपको हर  जगह डॉलर मे पेमेंट करनी होगी और  अब विदेश यात्रा का बजट अब 10 -15 प्रतिशत  बड सकता है   

  • टिकट महंगी हो जाएगी 

  • होटल महंगे होंगे 

  • शॉपिंग महंगी होगी 


हर खर्च डॉलर में होने के कारण आपकी जेब पर ज्यादा बोझ पड़ेगा।

3.  Electronic Itemsमहंगी  हो जाएगी 

Electronic गैजेट्स के दाम  बड  सकते है क्योंकि इनके ज्यादातर पार्ट्स बाहर से आते हैं।
  • मोबाइल फोन

  • लैपटॉप

  • टीवी

  • इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज़


आने वाले हफ्तों में इनके दाम ऊपर जा सकते हैं। और आपके लिए कोई नया फ़ोन लेना या टीवी लेना महंगा पड़ सकता है 

4. स्टूडेंट्स के लिए बड़ा झटका

विदेश में पढ़ने वालों के लिए खर्च बहुत बढ़ जाएगा। ट्यूशन फीस, रहने का खर्च, फूड और रोजमरा की  जरूरतें सब पेर असर पड़ेगा। सब कुछ डॉलर में होने से बजट 15–20% तक बढ़ सकता है।


5. NRI फैमिली के लिए खुशखबरी

अगर आपके परिवार का कोई सदस्य बाहर से पैसे भेजता है, या फिर  आप डॉलर मे कमाई करते है तो आपका फायदा होगा।
1 डॉलर = 90 रुपये से ज्यादा मिलने पर इनकम बढ़ जाती है।


रुपये की गिरावट सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि हर आम आदमी की जेब का मुद्दा है। आने वाले दिनों में इसके असर और बढ़ सकते हैं,  कई रिपोर्ट्स का अनुमान है कि अगर ट्रेड डील और कैपिटल फ्लो की स्थिति नहीं सुधरी तो रुपया कुछ समय तक 90 के आसपास या उससे नीचे 100 तक भी  कमजोर रह सकता है, हालांकि तेज़ गिरावट रोकने के लिए RBI किसी भी समय सक्रिय हस्तक्षेप कर सकता है।

अर्थशास्त्री मानते हैं कि सरकार और RBI को निर्यात बढ़ाने, स्थिर पूंजी निवेश आकर्षित करने और महंगाई को काबू में रखने जैसे कदमों के ज़रिए रुपये पर भरोसा मज़बूत करना होगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ