माता त्रिपुरी भैरवा मेले का भव्य आगाज़: परंपराओं और आस्था का अनोखा संगम

पडोह (मंडी), 7 सितंबर। माता त्रिपुरी भैरवा मंदिर परिसर में रविवार को सात दिवसीय माता त्रिपुरी भैरवा मेला 2024 का शुभारंभ पारंपरिक देव परंपराओं और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ हुआ। देव धुनों, ढोल-नगाड़ों और करनाल की गूंज से पूरा क्षेत्र भक्ति और उत्साह के रंग में रंग गया।

शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब

मेले की शुरुआत माता बुढ़ी भैरवा मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना से हुई। यहां स्थानीय पांच देवी-देवताओं की उपस्थिति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद पारंपरिक वेशभूषा और वाद्ययंत्रों की गूंज के बीच पहली शोभायात्रा (जलेव) निकाली गई, जो माता त्रिपुरी भैरवा मंदिर से मेला ग्राउंड तक पहुंची। इस जलेव में ग्रामीणों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने पारंपरिक परिधानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 


शोभायात्रा के दौरान ढोल-नगाड़ों, करनाल, गीत-संगीत और नाटी नृत्य ने आस्था और उमंग का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। प्राचीन स्थल पीपल के ब्रह्मा की पूजा और बाबा लखदाता पीर का स्वागत भी विधि-विधान से हुआ।

मुख्य अतिथि और उद्घाटन

जिला परिषद मंडी के चेयरमैन पाल वर्मा ने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद रिबन काटकर और दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर पंचायत प्रधान वीना महंत ने पाल वर्मा को शाल, टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।


मुख्य अतिथि पाल वर्मा ने कहा कि यह मेला न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। ऐसे मेलों से लोकसंस्कृति को संरक्षण मिलता है और नई पीढ़ी अपनी परंपराओं से जुड़ती है।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बिखेरा रंग

मेले के पहले दिन स्कूली बच्चों और महिला मंडलों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समां बांध दिया। नाटी, लोकगीत और पारंपरिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।


संस्कृत कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां आप हमारे फेसबुक पेज के ऊपर देख सकते हैं News65 यहां क्लीक करके आप फेसबुक पेज पर जा सकते है।

मेला 14 सितंबर तक चलेगा

माता त्रिपुरी भैरवा मेला 14 सितंबर तक चलेगा। समापन समारोह में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सदर विधायक अनिल शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस दौरान भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा।

लोकसंस्कृति और आस्था का उत्सव

मेला आयोजन समिति की अध्यक्ष एवं पंचायत प्रधान वीना महंत ने कहा कि यह मेला हमारी सांस्कृतिक पहचान है, जिसमें पूरा क्षेत्र एक परिवार की तरह शामिल होता है। इस वर्ष मेले में स्थानीय लोककलाओं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, पारंपरिक व्यंजनों और धार्मिक अनुष्ठानों की विशेष श्रृंखला देखने को मिलेगी, जो इसे पूर्ण रूप से लोकआस्था और संस्कृति का उत्सव बनाती है।

सांस्कृतिक संध्या का आयोजन

इस सात दिवसीय मेले में दो सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। यह सांस्कृतिक संध्या 12सितबर और 13 सितंबर को की जाएगी। 

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