पडोह (10 सितम्बर, बालक राम):
सराज विधानसभा क्षेत्र इस बार बरसात की त्रासदी का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। ग्राम पंचायत तादी की लाछ पहाड़ी लगातार पडोह डैम जलाशय की ओर धंस रही है, जिससे यहां बसे लगभग 35 परिवारों का जीवन खतरे में है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लाछ, गाता और लठरली गांव के सात परिवार अपने घर छोड़कर किराए के मकानों में रहने को मजबूर हो गए हैं।
![]() |
जीवनभर की कमाई पर पानी, टूटे आशियानों को देख रो रहे ग्रामीण
बरसात थमने के बाद ग्रामीण अब अपने खेत-खलिहानों की देखरेख के लिए लौट रहे हैं। लेकिन अपने टूटे-फूटे घरों को देखकर उनका दर्द छलक जाता है।
गांववासियों ने बताया कि उन्होंने पाई-पाई जोड़कर सुंदर मकान बनाए थे, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके। परंतु अब सबकुछ बर्बाद हो चुका है।
इन पीड़ित परिवारों में 7 फौजी परिवार भी शामिल हैं। यह गांव पहले से ही बीएसएल परियोजना विस्थापित रहे हैं। उनकी उपजाऊ ज़मीनें पहले ही पडोह डैम जलाशय में जलमग्न हो चुकी थीं। अब दूसरी बार वे अपने घर-आंगन से उजड़ रहे हैं।
विस्थापितों की मांग: बीबीएमबी दे आवासीय सुविधा और जमीन
पीड़ित राम लाल ने मांग उठाई कि उन्हें सुंदरनगर के जगंबाग हादसे के पीड़ितों की तर्ज पर बीबीएमबी पडोह की सरप्लस भूमि आबंटित की जाए।
उन्होंने कहा:
-
"हम अपने दिए गए मुआवजे को वापस करने को भी तैयार हैं।
-
लेकिन हमें रहने के लिए जमीन और अस्थाई आवास उपलब्ध कराए जाएं।"
राहत वितरण पर उठे सवाल
ग्रामीणों ने राहत वितरण पर भी नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि आपदा राहत सामग्री गांव के नाम पर तो आती है, लेकिन बांटी कहीं और जाती है।
पिछले रविवार को पूरे ट्रक भरकर राशन, कम्बल और जूते बांटे गए। लेकिन जिन्हें ज़रूरत नहीं थी, वे भी इसका फायदा उठा गए। यह पीड़ित परिवारों के साथ अन्याय है।
पंचायत और विस्थापित कल्याण समिति का समर्थन
-
तादी पंचायत प्रधान अमरावती ठाकुर ने कहा कि पीड़ित परिवारों को बीबीएमबी द्वारा अस्थाई आवासीय सुविधा तुरंत दी जानी चाहिए।
-
पडोह डैम विस्थापित कल्याण समिति के अध्यक्ष बी. आर. भाटिया ने कहा कि झील के कारण पूरी पहाड़ी धंस रही है और इसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपील की कि इस मुद्दे पर गंभीरता से निर्णय लेकर विस्थापितों को राहत दी जाए।
यदि इन्हें समय रहते आवासीय सुविधा और जमीन नहीं दी गई तो हर रोज़ और परिवार पलायन को मजबूर होंगे।
सरकार और बीबीएमबी को तुरंत कदम उठाना चाहिए ताकि इन परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

0 टिप्पणियाँ