पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-21 (NH-21) पंडोह से औट तक: रखरखाव और बहाली की मांग हुई तेज

मंडी (हिमाचल प्रदेश)।



मंडी ज़िले में पंडोह से औट तक पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग-21  की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। नये  राजमार्ग के लिए सुरंग और नए बाईपास बनने के बाद यातायात नई सड़क पर शिफ्ट हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग-21  हिमाचल प्रदेश की जीवनरेखा माना जाता था  जो चंडीगढ़ से होते हुए मंडी, कुल्लू और मनाली को जोड़ता था इस मार्ग पर पर्यटन, व्यापार और स्थानीय परिवहन निर्भर करता था । पंडोह से औट तक का पुराना मार्ग  ऐतिहासिक दृष्टि से , पर्यटन  की दृष्ठी से बहुत महतवपूर्ण था  क्योंकि यह पंडोह बांध और बीच के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ते हुये  हणोगी माता मंदिर से गुजरता था। 


2023 में किरतपुर मनाली फॉर लेन रास्ट्रीय मार्ग बन के तयार हुआ और सारा यातायात पुरने मार्ग से हणोगी से बाय पास टनल के माध्यम से औट तक पहुँचता है और पीछे छुट जाता  है हमारा पुराना NH21

2023 की आपदा के बाद NH-21 बंद

  2023 मे आई आपदा के बाद से  राष्ट्रीय राजमार्ग-21(NH-21) बंद है। क्यूंकि दवाडा के पास यह राजमार्ग आई बढ़ मे  पुरी तरह से बह गया। तब से आजतक इस  रस्ते को भुला दिया गया है। राष्टीय राजमार्ग-21 को दुबारा से जोड़ने की  कोई भि कोशिश नही की गई है। जब की यह रास्ता स्थानीय लोगो के लिए  बहुत महत्वपूर्ण है।

टूटी-फूटी सड़क और भूस्खलन 

हणोगी बाय पास के आगे कुच्छ गाँव है और ऐतिहासिक हणोगी माता मंदिर है जो आज सड़क ख़राब होने के कारण देनीय स्थिती मे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह गड्ढे और टूटी सतह के कारण वाहनों को मुश्किल से चलाना पड़ता है। बरसात के मौसम में लगातार भूस्खलन और पहाड़ से गिरने वाले पत्थरों की वजह से सड़क कई-कई दिनों तक बंद रहती है।


जो सड़क किसी समय पर राष्ट्रीय मार्ग हुआ करती  थी  अब वह  केवल एक टूटी फुटी सड़क बची है जिसमे एक वाहन चलने की भी जगह मुस्किल से बची है। अब यह सड़क माता के मंदिर जाने वालो के लिए है और कुछ  दुरी मे बसे गाँव वासियों के लिए है क्यूंकि 2023 की आपदा के बाद यह सडक पुरी तरह औट से कट चुकी है । 

पर्यटन की दृष्ठी से बहुत महतवपूर्ण है NH21

यह मार्ग पंडोह बांध और झील से होकर गुजरता है, इस मार्ग पर  बहुत सुंदर पहाड़ है, झरने है और बहुत सुंदर दृष्य देखने को मिलते है। पुराना हाईवे दवाड़ा के पास 2023 मे आई  बाढ़  के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। और इस  सडक मार्ग से फोरलेन तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया। 2023 मे आई बाढ़ के बाद से इस  मार्ग को लाबारिशो की तरह छोड़ दिया गया। सडक जर्जर होने के कारण हणोगी माता  मंदिर मे आने वाले  श्रद्धालुओं में  भारी कमी आई है। पेहले  यहाँ से गुजरने वाले सभी पर्चयटक रुक के जाते थे लिकिन फोरलेन बानने के बाद यह मंदिर भि सुनसान हो गया है। इस रस्ते पर बेहद सुंदर और मनमोहक नजारे देखने को मिलते थे जो लोगो के आकर्षण का केंदर हुआ करते  थे।

स्थानीय जनता की परेशानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की हालत बेहद खराब है। बरसात के दिनों मे यह सडक मार्ग किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। इस सड़क की किसी भि तरह की देख बहाल नही की जाती है भूस्खलन बहुत सी जगहों पर हुए है लिकिन उसको पुरि तरह से हटाने के वजाए वाहन निकल सके उतना ही साफ किया जाता  है पुराना मार्ग केवल एक सड़क नहीं था, बल्कि हणोगी माता मंदिर और आसपास के गांवों की जीवनरेखा  भी था।

हणोगी माता मंदिर में श्रद्धालुओं का आना हुआ बंद 

मंडी–कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर स्थित हणोगी माता मंदिर पर यातायात बाय पास होने  के कारण श्रद्धालुओं की भारी कमी आई है।मंदिर के पुजारी के अनुसार पुराने मार्ग के बंद हो जाने से अब दिन में “इक्का-दुक्का” श्रद्धालु ही दर्शन को पहुंच रहे हैं। पहले मंदिर में चढ़ावे के रूप में रोजाना 30–50 हजार रुपये तक आते थे, जो अब घटकर मात्र 200–500 रुपये प्रतिदिन रह गए हैं। यह गिरावट मुख्यतः दो कारणों से हुई है: 

(1) पंडोह–औट के बीच नया फोरलेन सुरंग मार्ग मंदिर को पूरी तरह बायपास करता है, 

(2) पुराना हाईवे दवाड़ा के पास 2023 मेआई  बाढ़  के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। फोरलेन बनने से पहले सभी वाहन मंदिर प्रांगण से होकर गुज़रते थे और लगभग हर यात्री मंदिर में रुककर पूजा-अर्चना करता था। अब पुरानी सड़क बंद होने से श्रद्धालुओं की आवाजाही ठप हो गई है, जिससे मंदिर की उपस्थिति में बरसों पुरानी रौनक लुप्त हो गई है।

बहाली और रखरखाव की मांग

स्थानीय पंचायतों, गाँववासियो और व्यापार मंडलों ने संयुक्त रूप से NHAI, PWD  और  सरकार से इस पुराने मार्ग की बहाली की मांग की है। उनका कहना है कि यह सड़क न केवल उनके जीवनयापन के लिए ज़रूरी है, बल्कि किसी आपदा की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग  के रूप में भी काम आ सकती है।

प्रशासन का रुख

लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों का कहना है कि पंडोह-औट मार्ग पर सुरक्षा दीवारें (retaining walls), जल निकासी प्रणाली और आवश्यक मरम्मत कार्य की योजना पर काम  चल रहा है। हालांकि अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों की मने तो dpr बनाने का काम शुरु हो गया है 

पंडोह से औट तक का पुराना NH-21 भले ही मुख्य राजमार्ग से अलग हो चुका हो, लेकिन इसका महत्व आज भी बरकरार है। स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द सड़क की बहाली कर इसे सुरक्षित और उपयोगी बनाए।

पंडोह से औट तक का पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-21 अब मुख्य मार्ग नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों और पर्यटन के लिए इसका महत्व आज भी बना हुआ है। इस मार्ग की बहाली और रखरखाव आवश्यक है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बनी रहे और किसी आपदा की स्थिति में यह मार्ग एक विकल्प (alternate route) के रूप में उपयोग किया जा सके।

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