स्थानीय लोगों की मेहनत रंग लाई: 110 दिनों बाद गाड़ियां पहुंचीं माता बगलामुखी मंदिर तक

पंडोह (मंडी), 30 अक्तूबर — रिपोर्ट: बालक राम

कुक्लाहा खड  से नकली गाड़िया 

30 जून 2025 को हुई भीषण बारिश से कुकलाह खड्ड में आई बाढ़ ने तांडव मचा दिया था। बाढ़ की चपेट में कुकलाह पुल बह गया था जबकि बाखली पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। बाखली से कुकलाह तक सड़क का नामोनिशान तक मिट गया, जिससे पूरे इलाके का संपर्क टूट गया था।      

गांववासियों की मेहनत और सक्रियता की वजह से 110 दिनों के बाद छोटी गाड़ियां पंडोह डैम की सहक नदी के कुक्लाह खड  के रस्ते  माता बगलामुखी मंदिर के प्रांगण तक पहुँचने में सफल रहीं। यह उपलब्धि इसलिए संगठित और महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि 30 जून 2025 की भीषण बारिश में यहां के मुख्य पुलों — विशेषकर कुकलाह खड्ड पर बने पुल — को भारी क्षति हुई थी और इलाके का संपर्क टूट गया था। 


लगातार 110 दिनों की जद्दोजहद और अथक परिश्रम के बाद आखिरकार स्थानीय लोगों की मेहनत रंग लाई। अपने संसाधनों और जोखिम पर गांववासियों ने बाखली पुल के नीचे से अस्थायी सड़क मार्ग तैयार कर दिया, जिससे अब छोटी गाड़ियां माता बगलामुखी मंदिर प्रांगण तक पहुंचने लगी हैं। लंबे समय बाद क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

लोक निर्माण विभाग नाकाम, लोगों ने खुद बनाई राह

ग्रामीणों ने कई बार लोक निर्माण विभाग से सड़क बहाल करने की गुहार गालई, मगर विभाग पैदल चलने योग्य रास्ता तक नहीं बना सका। आखिरकार, स्थानीय निवासियों ने अपने खर्चे और श्रम से बाखली पुल के नीचे से एक नया वैकल्पिक मार्ग तैयार किया। वीरवार को पहली बार कार और जीप इस मार्ग से माता बगलामुखी मंदिर तक पहुंचीं, जो गांव के लिए ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ।

अस्थायी लेकिन जीवनदायी सड़क

यह अस्थायी सड़क बाखली पुल के नीचे खड्ड के पानी से होकर गुजरती है, इसलिए बरसात या पानी के बहाव बढ़ने पर आवाजाही प्रभावित हो सकती है। फिलहाल, अनुमान है कि आगामी बरसात तक यह मार्ग सुरक्षित रहेगा। इस मार्ग के खुलने से बाखली से सराची और कुकलाह तक आवागमन आंशिक रूप से बहाल हो गया है। हालंकि यह सड़क मार्ग छोटी गाड़ियों और अपने जोखिम  पर गाड़ी ले जाने के लिए है।

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एकता और श्रम का प्रतीक देते हुए अस्थायी मार्ग के निर्माण में स्थानीय निवासी हेम राज, कमल, टेक चंद, दुनी चंद, राम सिंह, भूपेंद्र सिंह और राम लाल सहित अन्य ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई। सबकी मेहनत और सहयोग से अब हजारों लोगों को फिर से सड़क सुविधा मिल रही है। और दुर्गम इलाको तक सड़क की सुभिधा पहुंचेगी ।

माता बगलामुखी मंदिर कमेटी के प्रधान टेक चंद ने सभी श्रमदान करने वाले भक्तों का आभार व्यक्त किया। वहीं पंचायत प्रधान अमरावती ठाकुर ने ग्रामीणों को बधाई देते हुए उनकी एकजुटता और मेहनत की सराहना की।

110 दिनों के संघर्ष के बाद यह उपलब्धि इस बात का प्रतीक है कि जब जनता ठान ले, तो विकास के रास्ते खुद बन जाते हैं।

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